लेखनी कहानी -22-Nov-2022
तुमसे लागी लगन
रिया अभी अभी स्कूल से पास हुई थी। नए माहौल की तैयारी करने और सपनों को संजोने में लिया यहां लगी ही थी, कि दूसरी ओर से माता-पिता को रिश्तेदारों की सलाह का टोकरा भर-भर के हर रोज़ मिलने लगा। जिसे मानते हुए उन्होंने रिया के लिए लड़के देखना शुरू कर दिया। वही दूसरी ओर रिया ने कॉलेज जाना शुरू कर दिया। वहां एक नया माहौल और नई दुनिया रिया को अपनी ओर आकर्षित करती जा रही थी। रिया अपनी एक अलग दुनिया में इस कदर गुम थी कि उसे माता-पिता और रिश्तेदारों के इरादों की भनक भी नहीं लगी।
एक ओर जहां रिया ने अपनी दुनिया में एक साथी की तलाश को अंजाम देते हुए, शुभम् नाम के लड़के से प्रेम का रिश्ता कायम कर लिया था। दूसरी ओर माता-पिता ने भी अपनी तरफ से रिया को शादी की उम्र, ज़वानी का योग और लड़की का बोझ होने का संपूर्ण शास्त्र पढ़ कर लड़कों की तस्वीरों से परिचय करवाना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे समय बीतने के साथ ही रिया को लड़के वाले घर देखने भी आने लगें। करीब एक साल ही बिता था, रिया को एक लड़के ने पसंद कर लिया और वह जल्द से जल्द शादी करने को तैयार थे। दूसरी ओर रिया अपनी पढ़ाई का कह शादी को टालने की कोशिश में लगी थी। किन्तु रिया की सभी कोशिशें नाकामयाबी को छू कर रह गई। अंत में शादी दो महीने बाद होना तय हुआ।
रिया एक दुविधा में थी कि वह प्रेम को चुनें या माता-पिता को। किन्तु कोई भी जवान लड़की जो अभी अभी यौवन प्रेम में डुबकी लगा रही हो, वह कैसे माता-पिता को चुनने का गुनाह करती। उसने शादी से पहले शुभम् के साथ भाग जाने के सम्पूर्ण तैयारी कर ली। लेकिन भागने से पहले ही रिया की माता को उसके इरादों की भनक मिल गई। रिया की माता जी ने समझाया, प्रेम से सस्ती वस्तु इस सम्पूर्ण संसार में नहीं है। तुम्हारी शादी के बाद तुम देखना जब तुम्हें सब कुछ मिलेगा तब प्रेम की आवश्यकता कहीं रहेगी ही नहीं। बिना प्रेम तुम जी लोगी किन्तु बिना रुपिया कुछ नहीं होगा। रिया ने भी अभी जवानी की सीढ़ी पर नए-नए कदम रखें थे। उसने माता की बातों पर विचार किया माता की कही हर बात सही लगी। उसने प्रेम का त्याग कर नए रिश्ते का हाथ थाम शादी के वह सात फेरे लिए जिनको निभाने की कसम खाते हम सभी है, बस खाने के बाद याद नहीं रख पाते है।
Gunjan Kamal
22-Nov-2022 10:08 AM
बहुत ही अच्छा लिखा आपने
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RAKHI Saroj
22-Nov-2022 11:11 AM
धन्यवाद आपका
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